Wednesday, November 14, 2018

आज का रूहानी विचार



बाबा सावन सिंह महाराज जी के अनमोल वचन शब्द से पहले न कोई सूरज सी न कोई चन्द्रमा और नही आकाश शब्द ही निराकार ही है असल में यह शब्द चेतन है सब सृष्टि शब्द के हुक्म मे है कोई भी चीज शब्द के विना प्रगट नहीं हो सकती है शब्द सब की जान है  इस संसार में मन माया का राज है यहां पर सच्ची शांति केसे मिल सकती है यह समझो कि माया की आग सब को लगी हुई है माया की अगणी में जीव दिन रात सड रहे हैं और अनेक प्रकार की चिन्ता लगी हुई है गुरु से युक्ति लेने के बाद भी सब माया जाल में फंसे हुए हैं इस माया जाल से सीरफ भजन सीमरन ही जीव को निकाल सकता है शांति की प्राप्ति के लिए आत्मा को भजन सीमरन द्वारा अंदुरूनी मंडलों की तलाश करनी पड़ेगी शांति की तलाश करना हर जीव का निजी काम है केवल नाम दान प्राप्त कर लेने से कोई सत्संगी नहीं बन जाता है सिर्फ युनिवर्सिटी में दाखिला लेने से कोई वी ऐ पी ऐच डी की डिग्री प्राप्त नहीं हो सकती है बी ऐ पास करने से पहले साधक को कई साल कई क्लासे पास करनी पड़ती है जब तक हम शब्द में लीन नहीं हो जातें और असी भावे जिनी मर्जी सत्संग सुदे रहे जीनी मर्जी सेवा करदे रहिए जिनीया मर्जी पुस्तका पड़ते रहे थे असी भजन सीमरन नहीं कर रहे असल में हम सत्संगी कहने कोई हक़ नहीं है.

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