मेरे शहंशाह ...!!!
झपके न कभी आंख तेरा दीदार करते करते,
थके न कभी हाथ तेरी सेवा काम करते करते
निकले हरदम मुख से तेरा ही शुकराना ,
प्राण भी निकले तेरा नाम सिमरन करते करते
🙏बक्श लवो ! दातेया ! बक्श लवो !
असी भुलनहार हा दातेया ! बक्श लवो !
एक दिन बाबाजी स्टेज पर आए ओर बडे मनमोहक से चिरपरिचित अंदाज मे संगत से राधास्वामी की ओर गद्दी ( कुर्सी) पर विराजमान हुए दृष्टि संगत पर डाली...
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